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Ayush yadav

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Green Energy India: अवादा GRIDCO–IIT भुवनेश्वर की साझेदारी से ग्रीन हाइड्रोजन में नई क्रांति

Green Energy India: India में ग्रीन एनर्जी का दौर तेज़ी से बढ़ रहा है और अब एक नया अध्याय जुड़ चुका है। अवादा (Avaada), GRIDCO और IIT भुवनेश्वर की ऐतिहासिक साझेदारी ने देश में ग्रीन हाइड्रोजन के विकास को नई ऊंचाई देने का रास्ता साफ कर दिया है। यह कदम न सिर्फ भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि भारत को ग्रीन फ्यूल के वैश्विक हब की ओर भी अग्रसर करेगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस नई क्रांति के बारे में।

ग्रीन हाइड्रोजन क्या है और क्यों है इतना महत्वपूर्ण?

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ग्रीन हाइड्रोजन वह फ्यूल है जिसे Renewable Energy यानी Solar, Wind या Hydro Power की मदद से बनाया जाता है। यह Zero-Emission Fuel होता है, यानी इसे बनाने और इस्तेमाल करने पर कार्बन का उत्सर्जन नहीं होता।

  • यह भविष्य का सबसे साफ और जिम्मेदार ऊर्जा स्रोत माना जाता है।
  • इसे इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट, स्टील, केमिकल से लेकर हाउसहोल्ड तक हर जगह इस्तेमाल किया जा सकता है।
    भारत ने 2070 तक Net Zero का लक्ष्य तय किया है, और ग्रीन हाइड्रोजन उसकी नींव बनने जा रहा है।

अवादा–GRIDCO–IIT भुवनेश्वर की साझेदारी क्यों है गेम चेंजर?

अवादा, GRIDCO और IIT भुवनेश्वर की यह साझेदारी रिसर्च, टेक्नोलॉजी और ऊर्जा उत्पादन—तीनों क्षेत्रों को एक साथ जोड़ती है।

  • अवादा Renewable Energy Sector में एक बड़ा नाम है।
  • GRIDCO ओडिशा में बिजली वितरण और ऊर्जा योजनाओं को संचालित करती है।
  • IIT भुवनेश्वर टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और इनोवेशन का प्रमुख संस्थान है।

इन तीनों का साथ आने का मतलब है—तकनीक + इंफ्रास्ट्रक्चर + अनुभव। यही संयोजन ग्रीन हाइड्रोजन को Reality में बदल देगा।

ओडिशा बनेगा ग्रीन हाइड्रोजन का नया केंद्र

ओडिशा औद्योगिक राज्य है और यहां स्टील, खनन और भारी इंडस्ट्री की बड़ी मौजूदगी है। इन इंडस्ट्रीज़ को भविष्य में बड़े पैमाने पर ग्रीन फ्यूल की जरूरत पड़ेगी।
GRIDCO के साथ साझेदारी से:

  • नई ग्रीन हाइड्रोजन यूनिट्स लगाई जा सकती हैं।
  • Renewable Energy से हाइड्रोजन उत्पादन का खर्च कम होगा।
  • Export के नए अवसर खुलेंगे।
    यह राज्य को भारत का ग्रीन हाइड्रोजन Hub बना सकता है।

टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट में IIT भुवनेश्वर निभाएगा अहम रोल

IIT भुवनेश्वर इस साझेदारी में Research, Testing और New Innovation लाने का काम करेगा।

  • हाइड्रोजन स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन पर रिसर्च
  • कम लागत में हाइड्रोजन उत्पादन की तकनीक
  • Fuel Cell और Hydrogen आधारित इंडस्ट्री के लिए Solutions

यह टेक्नोलॉजी भारत की ऊर्जा लागत को कम करेगी और इसे अत्याधुनिक बनाएगी।

अवादा की भागीदारी से मिलेगा बड़े पैमाने पर ग्रीन एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर

Avaada Group पहले से ही भारत में सौर और पवन ऊर्जा के बड़े प्रोजेक्ट्स चला रहा है।
इस साझेदारी में अवादा की भूमिका

  • बड़े Solar Plants का निर्माण
  • Renewable Energy Integration
  • Hydrogen-producing Electrolyser Units की स्थापना

इससे ग्रीन हाइड्रोजन की लागत कम होगी और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।

ग्रीन हाइड्रोजन से भारत को क्या फायदे होंगे?

ग्रीन हाइड्रोजन सिर्फ एक ईंधन नहीं, बल्कि भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता का रास्ता है।

प्रमुख लाभ:

  • Import पर निर्भरता कम होगी
    भारत आज तेल और गैस का भारी आयात करता है, ग्रीन हाइड्रोजन इस निर्भरता को कम करेगा।
  • Carbon Emission में भारी कमी
    इंडस्ट्री और ट्रांसपोर्ट सेक्टर सबसे ज्यादा प्रदूषण करते हैं। ग्रीन हाइड्रोजन इनका साफ विकल्प है।
  • लाखों नई नौकरियों के अवसर
    नए प्लांट, रिसर्च सेंटर, और हाइड्रोजन आधारित फैक्ट्रियों से रोजगार बढ़ेगा।
  • भारत के लिए Export Market खुलेगी
    दुनिया ग्रीन फ्यूल अपनाने को तैयार है और भारत इसके उत्पादन का बड़ा केंद्र बन सकता है।

भारत की National Green Hydrogen Mission को मिलेगा बड़ा Boost

भारत सरकार ने National Green Hydrogen Mission के लिए करोड़ों रुपये का निवेश किया है।
सरकार का लक्ष्य

  • 2030 तक 5 Million Ton Green Hydrogen उत्पादन
  • बड़े Hydrogen Valley Projects
  • Hydrogen Mobility Vehicles
    अवादा–GRIDCO–IIT का यह प्रोजेक्ट सरकार के इस मिशन को तेज़ी से आगे बढ़ाएगा।

क्या बदल जाएगा इस साझेदारी से?

इस सहयोग से भारत में ऊर्जा संरचना धीरे-धीरे Clean Energy Structure में बदल जाएगी।

  • उद्योगों का संचालन Hydrogen आधारित होगा
  • पेट्रोल–डीजल के विकल्प बढ़ेंगे
  • बड़े शहरों में Hydrogen Fuel Stations की शुरुआत होगी
  • भारत ग्रीन टेक्नोलॉजी का ग्लोबल Leader बन सकता है

यह बदलाव सिर्फ पर्यावरण ही नहीं, अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।

ग्रीन एनर्जी इंडिया की दिशा अब और मजबूत

Avaada–GRIDCO–IIT Bhubaneswar की यह साझेदारी भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में एक नई क्रांति का आरंभ है। ग्रीन हाइड्रोजन आने वाले समय में कार्बन-फ्री इंडिया का आधार बनेगा और यह प्रोजेक्ट उसी दिशा में एक बड़ा कदम है। भारत अब सिर्फ एक ऊर्जा उपभोक्ता नहीं, बल्कि Clean Energy Producer बनने की राह पर तेज़ी से बढ़ रहा है।

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Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल सूचना देना है। इसका संबंध किसी कंपनी या सरकारी संस्था की आधिकारिक घोषणा से नहीं है। कृपया किसी भी निवेश या निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।